Shristy Kosta is modern Hindi poetess. The mark of her work & her poems resound with an echo of the nature, emotional, patriotic, comedy, way of live life and romantic.
Birth: July-1995
Started writing poems at the age: 11 years
First poem published in newspaper: 05-Jan-2012
First time on stage performance: 23-Jan-2012
First published Book: DhaniRadha
https://www.amazon.in/dp/B08P3V7DXW/
चली आई बिन बुलाये वो साथ लिए बदलो का डेरा । चली आई सितम ढाये वो साथ लिए आफतो का घेरा ॥
चली आयी वो गाज लिए बर्बादी का आगाज लिए चली आयी वो साथ लिए । शोलेनुमा औलो का ढेरा ॥। ....continued है कितनी मगरूर बहुत वो है कितनी मशूर बहुत वो । मौसम कि दरकार नहीं है कितनी मजबूर बहुत वो ॥
चली आई बिन बुलाये वो
ReplyDeleteसाथ लिए बदलो का डेरा ।
चली आई सितम ढाये वो
साथ लिए आफतो का घेरा ॥
चली आयी वो गाज लिए
बर्बादी का आगाज लिए
चली आयी वो साथ लिए ।
शोलेनुमा औलो का ढेरा ॥। ....continued
है कितनी मगरूर बहुत वो
है कितनी मशूर बहुत वो ।
मौसम कि दरकार नहीं
है कितनी मजबूर बहुत वो ॥